AI-आधारित पोर्टल: SUPACE
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित पोर्टल ’SUPACE’ लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कानूनी अनुसंधान के लिये न्यायाधीशों की सहायता करना है।
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AI-आधारित पोर्टल: SUPACE |
- ‘SUPACE’ का पूर्ण रूप है- ‘सुप्रीम कोर्ट पोर्टल फॉर असिस्टेंस इन कोर्ट्स एफिशिएंसी’
- इससे पूर्व सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति द्वारा प्रस्तुत ‘भारतीय न्यायपालिका में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के कार्यान्वयन के लिये राष्ट्रीय नीति एवं कार्ययोजना-2005’ के आधार पर ई-कोर्ट परियोजना की परिकल्पना की गई थी।
प्रमुख बिंदु
परिचय
- यह उपकरण प्रासंगिक तथ्यों और कानूनों को एकत्र करता है और उन्हें न्यायाधीशों के लिये उपलब्ध कराता है।
- इस उपकरण को निर्णय लेने के लिहाज़ से डिज़ाइन नहीं किया गया है, बल्कि यह केवल तथ्यों को संसाधित करेगा और न्यायाधीशों की सहायता के लिये तथ्य उपलब्ध कराएगा।
- प्रारंभ में इसका प्रयोग बंबई और दिल्ली उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा प्रायोगिक आधार पर किया जाएगा।
महत्त्व
- यह किसी मामले की विशिष्ट आवश्यकता और न्यायाधीश के सोचने के तरीके के अनुरूप परिणाम उत्पन्न करेगा।
- इससे समय की काफी बचत होगी, जिससे भारतीय न्याय प्रणाली में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) न्याय तक पहुँच के मौलिक अधिकार के लिये अधिक सुव्यवस्थित, लागत प्रभावी और समयबद्ध साधन प्रस्तुत करेगा।
- यह सेवा वितरण तंत्र को पारदर्शी और लागत प्रभावी बनाएगा।
चुनौतियाँ
- ‘SUPACE’ की शुरुआत के बाद न्याय प्रणाली में कुछ विशिष्ट पदों की आवश्यकता नहीं रह जाएगी और समय के साथ उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा।
- चूँकि इसका उद्देश्य उन गतिविधियों को अधिक कुशलतापूर्वक और व्यवस्थित रूप से करना है, जो वर्तमान में मानवों द्वारा की जा रही हैं, ऐसे में बेरोज़गारी में बढ़ोतरी होने की सम्भावना और अधिक बढ़ जाएगी।
ई-कोर्ट परियोजना
परिचय
- ई-कोर्ट परियोजना को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के माध्यम से भारतीय न्यायपालिका में बदलाव लाने की दृष्टि से संकल्पित किया गया था।
- ई-कोर्ट परियोजना, एक पैन-इंडिया परियोजना (Pan-India Project) है, जिसकी निगरानी और वित्तपोषण न्याय विभाग, कानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जाती है।
परियोजना के उद्देश्य:
- ई-कोर्ट प्रोजेक्ट में प्रस्तावित प्रावधानों के तहत प्रभावी और समयबद्ध तरीके से नागरिक केंद्रित सेवाएँ प्रदान करना।
- न्यायालयों में निर्णय समर्थन प्रणाली को विकसित और स्थापित करना।
- न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और सूचना प्राप्ति को अधिक सुगम बनाने के लिये इससे जुड़ी प्रणाली को स्वचालित बनाना।
- न्याय वितरण प्रणाली को सुलभ, लागत प्रभावी, विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिये न्यायिक प्रक्रिया में आवश्यक (गुणवत्तापरक और मात्रात्मक) सुधार करना।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस, Dristi IAS
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