जियो की नई CNAP सर्विस: स्कैमर्स के लिए बुरी खबर, यूजर्स के लिए राहत
अब कॉल आते ही दिखेगा कॉलर का असली नाम, नहीं चलेगी नकली पहचान की चाल
भारतीय दूरसंचार बाज़ार में एक बड़ी क्रांति आने वाली है। रिलायंस जियो ने CNAP (Caller Name Presentation) सेवा को लाइव कर दिया है, जो फोन कॉल को पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने वाली है। यह सेवा अब 11 राज्यों में पहले ही शुरू हो चुकी है, और अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर भी इसे अपने नेटवर्क पर रोल आउट करने की प्रक्रिया में हैं।
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| अब कॉल आते ही दिखेगा कॉलर का असली नाम, नहीं चलेगी नकली पहचान की चाल |
CNAP क्या है और यह काम कैसे करता है?
CNAP का मतलब है Caller Name Presentation — एक ऐसी सेवा जो आपकी फोन स्क्रीन पर कॉल करने वाले का असली, सत्यापित नाम दिखाती है। जब कोई आपको कॉल करता है, तो आपको केवल फोन नंबर नहीं, बल्कि कॉलर का आधार कार्ड या अन्य KYC दस्तावेज़ में दर्ज असली नाम दिखाई देता है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह टेलीकॉम ऑपरेटर के आधिकारिक डेटाबेस पर आधारित है, न कि किसी तीसरे पक्ष के ऐप पर। यह Truecaller जैसे ऐप्स से बिल्कुल अलग है, क्योंकि Truecaller में नाम वह दिखाता है जो लोगों ने अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव किया होता है — जो अक्सर गलत या भ्रामक हो सकता है।
Truecaller से कैसे अलग है CNAP?
Truecaller एक तीसरे पक्ष का ऐप है जो भीड़ के डेटा (crowdsourced data) पर निर्भर करता है। लोग जो नाम सेव करते हैं, उसी के आधार पर Truecaller काम करता है। इसलिए आप जो नाम देखते हैं, वह 'Papa', 'Driver', 'Hospital' या फिर कोई बिल्कुल गलत नाम हो सकता है।
लेकिन CNAP बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है। यह सीधे टेलीकॉम ऑपरेटर के सत्यापित KYC डेटाबेस से जानकारी लेता है। जब कोई सिम कार्ड लेता है, तो उसे अपने आधार कार्ड या पैन कार्ड की जानकारी देनी पड़ती है। CNAP ठीक उसी नाम को दिखाता है, जो सरकारी दस्तावेज़ों में दर्ज है। इसलिए नकली पहचान की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
जियो ने 11 राज्यों में सर्विस शुरू कर दी
रिलायंस जियो ने CNAP सर्विस को निम्नलिखित राज्यों में पहले ही लाइव कर दिया है:
पश्चिम बंगाल, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश ईस्ट, राजस्थान, पंजाब, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और ओडिशा।
यह केवल शुरुआत है। जियो के अलावा, Airtel, Vodafone-Idea (Vi) और BSNL भी इस सेवा को चरणबद्ध तरीके से लॉन्च कर रहे हैं।
अन्य ऑपरेटर कहां तक पहुंचे हैं?
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सभी बड़ी कंपनियों को CNAP सेवा लागू करने का निर्देश दिया है।
Airtel ने इस सेवा को पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लाइव कर दिया है।
Vodafone-Idea (Vi) महाराष्ट्र में इसे सक्रिय कर चुका है और तमिलनाडु में आंशिक रूप से रोलआउट कर रहा है।
BSNL फिलहाल पश्चिम बंगाल में इसका परीक्षण कर रहा है।
CNAP से स्कैम कॉल्स में कितनी कमी आएगी?
भारत में स्कैम कॉल्स, फ्रॉड और टेलीमार्केटिंग की समस्या बहुत गंभीर हो गई है। ज़्यादातर स्कैमर अपनी असली पहचान छुपाकर या नकली नाम से कॉल करते हैं। लेकिन CNAP के आने से यह बिल्कुल नामुमकिन हो जाएगा।
जब हर कॉल पर सत्यापित नाम दिखेगा, तो:
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स्कैमर अपनी असली पहचान नहीं छुपा पाएंगे
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फ्रॉड कॉल्स की प्रभावशीलता खत्म हो जाएगी
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वैध व्यवसायों के लिए विश्वास बनेगा
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यूजर्स सचेत तरीके से कॉल उठा सकेंगे
यह भारत की दूरसंचार सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या CLIR के ज़रिए नाम छिपाया जा सकता है?
हां, TRAI ने CLIR (Calling Line Identification Restriction) की सुविधा भी दी है। अगर कोई व्यक्ति अपनी गोपनीयता के बारे में चिंतित है, तो वह अपना नाम प्रदर्शित न करने का विकल्प चुन सकता है। हालांकि, इसका दुरुपयोग स्कैमर्स करते हैं, इसलिए TRAI ने नियम बनाए हैं कि कौन से परिस्थितियों में CLIR का उपयोग किया जा सकता है।
क्या यह तकनीकी रूप से संभव है?
हां, बिल्कुल। सभी आधुनिक 4G और 5G स्मार्टफोन पहले से ही CNAP को सपोर्ट करते हैं। फोन निर्माताओं को TRAI के निर्देशों के अनुसार, अपने सभी नए उपकरणों में CNAP की सुविधा शामिल करनी होगी। पुराने 2G और 3G फोन को भी धीरे-धीरे अपग्रेड किया जाएगा।
भारत के लिए यह कितना बड़ा कदम है?
यह विश्वभर में सबसे बड़ी नेटवर्क-इंटीग्रेटेड कॉलर आइडेंटिफाई सिस्टम होने वाली है। भारत में लगभग 100 करोड़ से अधिक मोबाइल यूजर्स हैं, और वे सभी CNAP के लाभों से जुड़ने वाले हैं।
यह सिर्फ एक तकनीकी अपडेट नहीं है, यह टेलीकॉम सुरक्षा, डेटा प्राइवेसी और उपभोक्ता संरक्षण का एक समन्वित प्रयास है।
निष्कर्ष
जियो की CNAP सर्विस भारतीय मोबाइल यूजर्स के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने वाली है। स्कैमर्स के लिए यह कड़ा झटका है, क्योंकि उनकी नकली पहचान की चाल अब कारगर नहीं रह जाएगी। आने वाले महीनों में, जब सभी टेलीकॉम ऑपरेटर इसे पूरी तरह रोल आउट कर देंगे, तो भारत की दूरसंचार सेवा एक नए मानदंड पर पहुंच जाएगी।
फोन कॉल्स अब सिर्फ नंबर के आधार पर नहीं, बल्कि सत्यापित, विश्वसनीय नामों के आधार पर होंगी। यह भारतीय दूरसंचार क्षेत्र का एक ऐतिहासिक फैसला है।

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