विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves) |
विदेशी मुद्रा भंडार
Foreign Exchange Reserves
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार,16 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 3.615 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के साथ अब तक के अपने सर्वाधिक स्तर 555.12 बिलियन अमेरिकी
डॉलर तक पहुँच गया है।
- प्रमुख बिंदु:
- देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण ‘विदेशी मुद्रा आस्तियों’ (Foreign Exchange Assets- FCAs) में हुई तीव्र वृद्धि है।
- RBI के आँकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह में FCA 3.539 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के 512.322 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves):- विदेशी मुद्रा भंडार में किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा आरक्षित संपत्तियाँ होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा, बाॅण्ड, ट्रेज़री बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियाँ शामिल हो सकती हैं।
- किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में निम्नलिखित 4 तत्त्व शामिल होते हैं-
- विदेशी परिसंपत्तियाँ (विदेशी कंपनियों के शेयर, डिबेंचर, बाॅण्ड इत्यादि विदेशी मुद्रा में)
- स्वर्ण भंडार
- IMF के पास रिज़र्व कोष (Reserve Trench)
- विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR)
विदेशी मुद्रा आस्तियाँ
(Foreign Exchange Assets- FCAs) :- किसी भी देश/अर्थव्यवस्था के पास एक समय में उपलब्ध कुल विदेशी मुद्रा (विभिन्न देशों की) उसकी विदेशी मुद्रा अस्तियाँ कहलाती है।
- विदेशी मुद्रा आस्तियाँ (Foreign Currency Assets) विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा घटक है।
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