इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना | Indira Gandhi Matratva Sahyog Yojana
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार की मातृत्व लाभ योजना या प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana- PMMVY) में वित्त वर्ष 2020 तक 1.75 करोड़ से अधिक पात्र महिलाएँ शामिल हो चुकी हैं।
- वित्तीय वर्ष 2018 से 2020 के मध्य इस योजना के तहत 1.75 करोड़ पात्र लाभार्थियों को कुल 5,931.95 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
योजना के बारे में:
- PMMVY एक मातृत्व लाभ योजना है जिसे 1 जनवरी, 2017 से देश के सभी ज़िलों में लागू है।
- यह महिला और बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) द्वारा संचालित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना:
- इसमें गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली नकद राशि का हस्तांतरण सीधे उनके बैंक खाते में किया जाता है ताकि वे अपनी पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा कर सकें और आंशिक रूप से उनके वेतन के नुकसान की भरपाई की जा सके।
लक्षित लाभार्थी:
- वे महिलाएँ जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों में नियमित रोज़गार में संलग्न हैं तथा किसी भी कानून के तहत समान लाभ प्राप्त करती हैं, को छोड़कर सभी गर्भवती महिलाएंँ और स्तनपान कराने वाली माताएंँ (Pregnant Women and Lactating Mothers- PW&LM) इस योजना के लिये पात्र हैं।
- ऐसी सभी पात्र गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माताएँ जिन्होंने परिवार में पहली संतान के लिये 1 जनवरी, 2017 को या उसके बाद गर्भधारण किया हो ।
योजना के तहत प्राप्त लाभ:
- लाभार्थी को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने पर तीन किस्तों में 5,000 रुपए का नकद लाभ प्राप्त होता है:
- गर्भधारण का शीघ्र पंजीकरण करने पर।
- प्रसव-पूर्व जाँच करने पर।
- बच्चे के जन्म का पंजीकरण और परिवार के पहले जीवित बच्चे के टीकाकरण का पहला चक्र पूरा करने पर।
- पात्र लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana- JSY) के तहत भी नकद प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस प्रकार पात्र महिला को औसतन 6,000 रुपए की सहायता राशि प्राप्त होती है।
विशेष लक्षण: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ( Common Application Software- PMMVY-CAS) के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा योजना के कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी की जाती है।
- PMMVY-CAS एक वेब आधारित सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी की स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम है, इसके परिणामस्वरूप लाभार्थी की किसी भी शिकायत का शीघ्र, जवाबदेही के साथ बेहतर तरीके से निवारण होता है।
जननी सुरक्षा योजना
जननी सुरक्षा योजना के बारे में:
- यह 100% केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे गर्भवती महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंँकड़ों के अनुसार:
- अधिकांश भारतीय राज्यों में नवजात/शिशु और बाल मृत्यु दर में गिरावट आई है।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किये गए 22 सर्वेक्षणों में नवजात मृत्यु दर (NMR-34), शिशु मृत्यु दर (IMR-47) और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर (U5MR-56) के पंजीकरण का उच्चतम स्तर देखा गया, जबकि केरल में मृत्यु दर के सबसे कम मामले देखने को मिले।
- अधिकांश भारतीय राज्यों में नवजात/शिशु और बाल मृत्यु दर में गिरावट आई है।
- रजिस्ट्रार जनरल के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (Sample Registration System- SRS) के कार्यालय द्वारा भारत में मातृ मृत्यु दर पर जारी विशेष बुलेटिन वर्ष 2016-18 (Special Bulletin on Maternal Mortality in India 2016-18) के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु दर (MMR) 2016-2018 के दौरान घटकर 113 (प्रति 1,00,000 जीवित जन्म) हो गया है जो वर्ष 2015-17 में 122 और वर्ष 2014-2016 में 130 था।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDGs) के तहत लक्ष्य 3.1 का उद्देश्य वैश्विक मातृ मृत्यु दर को कम करके 70/100,000 जीवित जन्मों तक करना है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंँकड़ों के अनुसार:
- मूल रूप से यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission- NHM) के तहत एक सुरक्षित मातृत्व हस्तक्षेप है।
लाभ:
- JSY के तहत पात्र गर्भवती महिलाओं द्वारा सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में प्रसव कराने पर उन्हें नकद सहायता सहायता राशि प्रदान की जाती हैं।(योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु मांँ की उम्र और बच्चों की संख्या की कोई बाध्यता नहीं)।
- इस योजना में गर्भवती महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (Accredited Social Health Activist- ASHA) के रूप में जानी जाने वाली महिला स्वास्थ्य स्वयंसेवक को उसके बेहतर कार्य के लिये प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।
महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने से संबंधित अन्य योजनाएँ:
- इंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना (IGMSY):
- इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण हेतु नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान कर उन्हें एक अनुकूल वातावरण प्रदान करना है।
- इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- केरल की कुदुम्बश्री योजना:
- इस योजना को वर्ष 1998 में केरल में सामुदायिक कार्रवाई के माध्यम से गरीबी का पूर्ण उन्मूलन करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह देश की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण परियोजना है। इसके तीन घटक हैं- माइक्रोक्रेडिट (Microcredit) उद्यमिता (Entrepreneurship) और सशक्तीकरण (Empowerment)।
- पोषण अभियान:
- मार्च 2018 में शुरू किये गए पोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan) का लक्ष्य बच्चों की पोषण स्थिति (0-6 वर्ष) और गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं की स्थिति में समयबद्ध तरीके से सुधार लाना है।
- एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना:
- यह योजना 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और महिलाओं सहित कमज़ोर समूहों को लक्षित करती है।
- इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
स्रोत: द हिंदू, DRISTI IAS
Read Also पंचायती राज व्यवस्था क्या है? | पंचायती राज व्यवस्था का महत्व | पंचायती राज व्यवस्था पर निबंध
Read About ब्रेटन वुड्स समझौता और प्रणाली
Read Also सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल | Major sites of Indus Valley Civilization In Hindi
Read Also एंटी-डंपिंग ड्यूटी क्या है ? | Anti-Dumping Duty in Hindi | What is Anti-Dumping Duty?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box.