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सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल | Major sites of Indus Valley Civilization In Hindi

 ‼️ सिंधु घाटी सभ्यता ‼️

**सिंधु घाटी सभ्यता कहाँ स्थित है?
**सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या था?
**सिंधु घाटी सभ्यता में कितने नगर थे?
**सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल कौन सा है?

**Who discovered the indus valley civilization.
Ans. R. D. Banerji

सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1700 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी. यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है. इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ. मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केंद्र थे.

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल


सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं

  • रेडियो कार्बन c14 जैसी विलक्षण-पद्धति के द्वारा सिंधु घाटी सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2350 ई पू से 1750 ई पूर्व मानी गई है.

  • सिंधु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की.

  • सिंधु सभ्यता को प्राक्ऐतिहासिक (Prohistoric) युग में रखा जा सकता है.

  • इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ और भूमध्यसागरीय थे.

  • सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पश्चिमी पुरास्थल सुतकांगेंडोर (बलूचिस्तान), पूर्वी पुरास्थल आलमगीर ( मेरठ), उत्तरी पुरास्थल मांदा ( अखनूर, जम्मू कश्मीर) और दक्षिणी पुरास्थल दाइमाबाद (अहमदनगर, महाराष्ट्र) हैं.

  • सिंधु सभ्यता सैंधवकालीन नगरीय सभ्यता थी.  सैंधव सभ्‍यता से प्राप्‍त परिपक्‍व अवस्‍था वाले स्‍थलों में केवल 6 को ही बड़े नगरों की संज्ञा दी गई है. ये हैं: मोहनजोदड़ों, हड़प्पा, गणवारीवाला, धौलवीरा, राखीगढ़ और कालीबंगन.

  • हड़प्पा के सर्वाधिक स्थल गुजरात से खोजे गए हैं.

  • लोथल और सुतकोतदा-सिंधु सभ्यता का बंदरगाह था.

  • जुते हुए खेत और नक्काशीदार ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य कालीबंगन से प्राप्त हुआ है.

  • मोहनजोदड़ो से मिले अन्नागार शायद सैंधव सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत थी.

  • मोहनजोदड़ो से मिला स्नानागार एक प्रमुख स्मारक है, जो 11.88 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा है.

  • अग्निकुंड लोथल और कालीबंगा से मिले हैं.

  • मोहनजोदड़ों से प्राप्त एक शील पर तीन मुख वाले देवता की मूर्ति मिली है जिसके चारो ओर हाथी, गैंडा, चीता और भैंसा थे.

  • हड़प्पा की मोहरों में एक ऋृंगी पशु का अंकन मिलता है.

  • मोहनजोदड़ों से एक नर्तकी की कांस्य की मूर्ति मिली है.

  • मनके बनाने के कारखाने लोथल और चन्हूदड़ों में मिले हैं.

  • सिंधु सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक है. यह लिपि दाई से बाईं ओर लिखी जाती है.

  • सिंधु सभ्यता के लोगों ने नगरों और घरों के विनयास की ग्रिड पद्धति अपनाई थी, यानी दरवाजे पीछे की ओर खुलते थे.

  • सिंधु सभ्यता की मुख्य फसलें थी गेहूं और जौ.

  • सिंधु सभ्यता को लोग मिठास के लिए शहद का इस्तेमाल करते थे.

  • रंगपुर और लोथल से चावल के दाने मिले हैं, जिनसे धान की खेती का प्रमाण मिला है.

  • सरकोतदा, कालीबंगा और लोथल से सिंधुकालीन घोड़ों के अस्थिपंजर मिले हैं.

  • तौल की इकाई 16 के अनुपात में थी.

  • सिंधु सभ्यता के लोग यातायात के लिए बैलगाड़ी और भैंसागाड़ी का इस्तेमाल करते थे.

  • मेसोपोटामिया के अभिलेखों में वर्णित मेलूहा शब्द का अभिप्राय सिंधु सभ्यता से ही है.

  • हड़प्पा सभ्यता का शासन वणिक वर्ग को हाथों में था.

  • सिंधु सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानते थे और पूजा करते थे.

  • पेड़ की पूजा और शिव पूजा के सबूत भी सिंधु सभ्यता से ही मिलते हैं.

  • स्वस्तिक चिह्न हड़प्पा सभ्यता की ही देन है. इससे सूर्यपासना का अनुमान लगाया जा सकता है.

  • सिंधु सभ्यता के शहरों में किसी भी मंदिर के अवशेष नहीं मिले हैं.

  • सिंधु सभ्यता में मातृदेवी की उपासना होती थी.

  • पशुओं में कूबड़ वाला सांड, इस सभ्यता को लोगों के लिए पूजनीय था.

  • स्त्री की मिट्टी की मूर्तियां मिलने से ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि सैंधव सभ्यता का समाज मातृसत्तात्मक था.

  • सैंधव सभ्यता के लोग सूती और ऊनी वस्त्रों का इस्तेमाल करते थे.

  • मनोरंजन के लिए सैंधव सभ्यता को लोग मछली पकड़ना, शिकार करना और चौपड़ और पासा खेलते थे.

  • कालीबंगा एक मात्र ऐसा हड़प्पाकालीन स्थल था, जिसका निचला शहर भी किले से घिरा हुआ था.

  • सिंधु सभ्यता के लोग तलवार से परिचित नहीं थे.

  • पर्दा-प्रथा और वैश्यवृत्ति सैंधव सभ्यता में प्रचलित थीं.

  • शवों को जलाने और गाड़ने की प्रथाएं प्रचलित थी. हड़प्पा में शवों को दफनाने जबकि मोहनजोदड़ों में जलाने की प्रथा थी. लोथल और कालीबंगा में काफी युग्म समाधियां भी मिली हैं.

  • सैंधव सभ्यता के विनाश का सबसे बड़ा कारण बाढ़ था.

  • आग में पकी हुई मिट्टी को टेराकोटा कहा जाता है.

*सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल

सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ई॰पू॰
सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ई॰पू॰
प्रमुख शहर

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल निम्न है

  1. हड़प्पा (पंजाब पाकिस्तान)
  2. मोहेनजोदड़ो (सिंध पाकिस्तान लरकाना जिला)
  3. लोथल (गुजरात)
  4. कालीबंगा( राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में)
  5. बनवाली (हरियाणा के फतेहाबाद जिले में)
  6. आलमगीरपुर( उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में)
  7. सूत कांगे डोर( पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में)
  8. कोट दीजी( सिंध पाकिस्तान)
  9. चन्हूदड़ो ( पाकिस्तान )
  10. सुरकोटदा (गुजरात के कच्छ जिले में)
हिन्दुकुश पर्वतमाला के पार अफगानिस्तान में

  1. शोर्तुगोयी - यहाँ से नहरों के प्रमाण मिले है
  2. मुन्दिगाक जो महत्वपूर्ण है
भारत में

भारत के विभिन्न राज्यों में सिंधु घाटी सभ्यता के निम्न शहर है:- गुजरात

  • लोथल
  • सुरकोटडा
  • रंगपुर
  • रोजी
  • मालवद
  • देसूल
  • धोलावीरा
  • प्रभातपट्टन
  • भगतराव

हरियाणा

  • राखीगढ़ी
  • भिरड़ाणा
  • बनावली
  • कुणाल
  • मीताथल

पंजाब

  • रोपड़ (पंजाब)
  • बाड़ा
  • संघोंल (जिला फतेहगढ़, पंजाब)

महाराष्ट्र

  • दायमाबाद।
  • बनावली
  • कुणाल
  • मीताथल

महाराष्ट्र

  • महाराष्ट्राबाद।

राजस्थान

  • कालीबंगा

जम्मू कश्मीर

  • मांडा
विभिन्न काल
समय (बी॰सी॰ई॰)कालयुग
7570-3300पूर्व हड़प्पा (नवपाषाण युग,ताम्र पाषाण युग)
7570–6200 BCEभिरड़ाणाप्रारंभिक खाद्य उत्पादक युग
7000–5500 BCEमेहरगढ़ एक (पूर्व मृद्भाण्ड नवपाषाण काल)
5500-3300मेहरगढ़ दो-छः (मृद्भाण्ड नवपाषाण काल)क्षेत्रीयकरण युग
3300-2600प्रारम्भिक हड़प्पा (आरंभिक कांस्य युग)
3300-2800हड़प्पा 1 (रवि भाग)
2800-2600हड़प्पा 2 (कोट डीजी भाग, नौशारों एक, मेहरगढ़ सात)
2600-1900परिपक्व हड़प्पा (मध्य कांस्य युग)एकीकरण युग
2600-2450हड़प्पा 3A (नौशारों दो)
2450-2200हड़प्पा 3B
2200-1900हड़प्पा 3C
1900-1300उत्तर हड़प्पा (समाधी एच, उत्तरी कांस्य युग)प्रवास युग
1900-1700हड़प्पा 4
1700-1300हड़प्पा 5



!! सिंधु घाटी सभ्यता बहुविकल्पीय प्रश्न !!

1. हड़प्पा

 नदी के नाम: रावी 

 उत्त्खनन का वर्ष: 1921 

 उत्तखननकर्ता: दयाराम साहनी और माधोस्वरूप वत्स 

 वर्तमान स्तिथि: पश्चिम पंजाब का मांटमोगरी जिला (पाकिस्तान)


2. मोहनजोदड़ो

नदी के नाम: सिन्धु

उत्त्खनन का वर्ष: 1922

उत्तखननकर्ता: राखलदास बनर्जी

वर्तमान स्तिथि: सिंध प्रान्त का लरकाना जिला (पाकिस्तान)


3. चन्हूदड़ो

नदी के नाम: सिन्धु

उत्त्खनन का वर्ष: 1931

उत्तखननकर्ता: गोपाल मजूमदार

वर्तमान स्तिथि: सिंध प्रान्त(पाकिस्तान)


4. कालीबंगा

नदी के नाम: घग्घर

उत्त्खनन का वर्ष: 1953

उत्तखननकर्ता: बी.बी.लाल और बी.के. थापर

वर्तमान स्तिथि: राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला (भारत)


5. कोटदीजी

नदियों के नाम: सिन्धु

उत्त्खनन का वर्ष: 1953

उत्तखननकर्ता: फजल अहमद

वर्तमान स्तिथि: सिंध प्रान्त का खैरपुर (पाकिस्तान)


6. रंगपुर

नदियों के नाम: मादर

उत्त्खनन का वर्ष: 1953-54

उत्तखननकर्ता: रंगनाथ राव

वर्तमान स्तिथि: गुजरात का काठियावाड क्षेत्र (भारत)


7. रोपड़

नदियों के नाम: सतलज

उत्त्खनन का वर्ष: 1953-56

उत्तखननकर्ता: यज्ञदत्त शर्मा

वर्तमान स्तिथि: पंजाब का रोपड़ जिला (भारत)


8. लोथल

नदियों के नाम: भोगवा

उत्त्खनन का वर्ष:1955-1962

उत्तखननकर्ता: रंगनाथ राव

वर्तमान स्तिथि: गुजरात का अहमदाबाद जिला (भारत)


9. आलमगीरपुर

नदियों के नाम: हिंडन

उत्त्खनन का वर्ष: 1958

उत्तखननकर्ता: यज्ञदत्त शर्मा

वर्तमान स्तिथि: उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला (भारत)


10. बनावली

नदियों के नाम: रंगोई

उत्त्खनन का वर्ष: 1974

उत्तखननकर्ता: रविन्द्रनाथ विष्ट

वर्तमान स्तिथि: हरियाणा का हिसार जिला (भारत)


11. धौलावीरा

उत्त्खनन का वर्ष: 1990-91

उत्तखननकर्ता: रविन्द्रनाथ विष्ट

वर्तमान स्तिथि: गुजरात का कच्छ जिला (भारत)

*सिंधु घाटी सभ्यता प्रश्नोत्तरी UPSC

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