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वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2021 : विश्व बैंक | World Development Report 2021: Data For Better Lives

वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2021 : विश्व बैंक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में  विश्व बैंक द्वारा वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2021 : डेटा फॉर बेटर लाइव्स का प्रकाशन किया गया।

  • वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण 2021 विकास के लिये डेटा की शक्ति का दोहन या उपयोग करने हेतु एक खाका प्रदान करता है, ताकि कोई भी पीछे न रह जाए।
वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2021 : विश्व बैंक
वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2021 : विश्व बैंक


प्रमुख बिंदु:

  • डेटा के लिये सामाजिक अनुबंध में तीन तत्त्व शामिल होते हैं: वैल्यू, इक्विटी और ट्रस्ट।
    • डेटा के लिये सामाजिक अनुबंध:  सामाजिक अनुबंध किसी डेटा से अधिक-से-अधिक वैल्यू (जानकारी) प्राप्त करने हेतु सुरक्षित सहयोग का एक प्रवर्तक है। डेटा उपयोगकर्त्ताओं के बीच बेहतर सहयोग से, हम सबसे गरीब समुदायों की मदद कर सकते हैं और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह में आगे बढ़ सकते हैं।

सार्वजनिक हित के लिये एक बल के रूप में डेटा:

  • सार्वजनिक हित डेटा (सार्वजनिक कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा, निष्पादन, निगरानी और मूल्यांकन के बारे में जानकारी प्रदान कर जनता की सेवा करने के उद्देश्य से एकत्र किया गया डेटा) विभिन्न सरकारी कार्यों के लिये एक आधार प्रदान करता है।
  • सार्वजनिक हितों के लिये एकत्रित डेटा अनेक मार्गों के माध्यम से विकास के लिये मूल्य की महत्ता को बढ़ा सकते है जैसेः
    • सरकारों को जवाबदेह बनाना और व्यक्तियों को सशक्त बनाना।
    • सेवा वितरण में सुधार।
    • दुर्लभ संसाधनों को प्राथमिकता देना।
  • असीमित संभावनाएँ:
    • सार्वजनिक और निजी हित के उद्देश्य से एकत्रित डेटा का अनन्य उपयोग हेतु अनुकूलन और एकीकरण रियल टाइम एवं परिष्कृत अंतर्दृष्टि प्रदान करने, डेटा अंतराल को भरने तथा प्रत्येक डेटा प्रकार से संबंधित सीमाओं को समाप्त करने में मदद कर सकता है।
  • दुनिया को जोड़ना :  डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर गरीब लोगों और गरीब देशों के लिये डेटा तक समान पहुँच सुनिश्चित करने का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
  • सीमाएँ पार करना: डेटा एक व्यापारिक संपत्ति है, लेकिन उसे सीमा-पार भेजने के मामले में पर्याप्त डेटा सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
  • शासी डेटा: डेटा में शासन की भूमिका दोगुनी है:
    • पहला, डेटा और सिस्टम से जुड़ी सुरक्षा, अखंडता और संरक्षण को सुनिश्चित करके उनके जोखिमों को नियंत्रित करना।
    • दूसरा, नियमों और तकनीकी मानकों को पर अधिकार स्थापित करके  डेटा को अधिक प्रभावी ढंग से स्थानांतरण कर संयुक्त रूप से  आदान-प्रदान करने के लिये सक्षम बनाना।
  • डेटा सिस्टम में सुधार: डेटा के महत्त्व का पूरी तरह से उपयोग या दोहन करने के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय डेटा सिस्टम (INDS) को स्थापित करने की आवश्यकता है।
    • INDS, ब्लूप्रिंट के रूप में सामाजिक अनुबंध के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए विकास के लिये डेटा क्षमता तक पहुँच स्थापित करने हेतु देशों के लिये मार्ग प्रशस्त करता है ।
    • INDS फ्रेमवर्क एक देश के लिये समान रूप से अधिकतम लाभ सुनिश्चित करते हुए सुरक्षित रूप से राष्ट्रीय प्रतिभागियों के बीच डेटा साझा करने की अनुमति देता है।
  • रिपोर्ट द्वारा चिह्नित मुद्दे:
    • लेवलिंग प्लेइंग फील्ड नहीं: डेटा प्लेटफॉर्म व्यवसायों का तीव्र विस्तार प्रतिस्पर्द्धा संबंधी चिंताओं को बढ़ावा दे रहा है और साथ ही विनियमन के लिये नई चुनौतियाँ पेश कर रही है।
  • डेटा प्लेटफॉर्म:  यह एक एकीकृत प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म है जो डेटाबेस में शामिल डेटा के  चालन, परिचालन, और रणनीतिक व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये उपयोगकर्त्ताओं, डेटा अनुप्रयोगों या अन्य तकनीकों को वितरित करने की अनुमति देता है।
    • ओपन डेटा की कमी: रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्न-आय वाले देशों में शामिल  केवल 11% देश  लगातार लाइसेंस श्रेणी के माध्यम से अपने  ओपन डेटा स्रोत्रों (नॉट एक्सेसिबल टू जनरल पब्लिक या रिसर्च इंस्टीट्यूट) का उपयोग करते हैं ।
      • निम्न-मध्यम आय वाले देशों के  लिये तुलनीय दर 19% थी, जबकि  उच्च-मध्यम आय वाले देशों के लिये 22% और उच्च आय वाले देशों हेतु 44% थी।
    • सार्वजनिक हित के डेटा सिस्टम में आंतरिक निवेश: वर्ष 2019 तक केवल कुछ देशों के पास एक राष्ट्रीय सांख्यिकीय योजना थी जो पूरी तरह से वित्तपोषित थी, जबकि 93% उच्च आय वाले देशों में पूरी तरह से वित्तपोषित राष्ट्रीय सांख्यिकीय योजना थी इनमें एक भी निम्न-आय वाला देश शामिल नहीं था।
    • निम्न-आय वाले देशों से संबंधित मुद्दे: रिपोर्ट के अनुसार, निम्न-आय वाले देश संस्थानों की कमी, निर्णय लेने की स्वायत्तता और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण डेटा क्षमता का दोहन करने में असमर्थ थे, ये सभी डेटा सिस्टम और प्रशासन के ढाँचे के प्रभावी कार्यान्वयन और प्रभावशीलता को बाधित करते हैं।
    • महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित डेटा अंतराल: इस संदर्भ डेटा अंतराल की स्थिति विशेष रूप से गंभीर है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र जनादेश-आधारित सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) में 54 लिंग-विशिष्ट संकेतकों (19 प्रतिशत) में से केवल 10 ही व्यापक रूप से उपलब्ध थे। 
    • डेटा का दुरुपयोग: डेटा को अधिक उपयोगकर्त्ताओं के लिये सुलभ बनाना और उसके पुन: उपयोग की सुविधा प्रदान करने वाले सिस्टम से डेटा के दुरुपयोग का रास्ता खुल जाता है जो व्यक्तियों या विकास के उद्देश्यों को नुकसान पहुँचा सकता है।
      • रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा (जैसे- गलत जानकारी; सॉफ्टवेयर, नेटवर्क और डेटा सिस्टम पर साइबर हमला) संबंधी चिंताओं को भी चिह्नित किया गया।
    • डेटा का ढाँचागत अंतराल: अमीर और गरीब लोगों के बीच प्रमुख रूप से स्पष्ट  ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी अंतराल है और डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता के कारण अमीर और गरीब देशों के बीच पर्याप्त विभाजन दिखाई देता है।

भारत में डेटा अंतराल:

  • विश्व बैंक द्वारा वैश्विक गरीबी के आकलन पर  चिंता व्यक्त की गई है, जो गरीबी पर  भारत में डेटा के अभाव के कारण विषम स्थिति पैदा करता है।
  • भारत 130 SDG संकेतकों में से 54 पर ध्यान केंद्रित करता है। हालाँकि कुल मिलाकर केंद्रित संकेतकों की संख्या बढ़ गई है और देश ने अपनी आकलन सूची से चार संकेतकों को हटा दिया है।
  • रिपोर्ट में मौजूदा डेटा के रणनीतिक पुनरुत्थान का आह्वान किया गया है।

भारत द्वारा उठाए गए कुछ कदम:

  • राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और सुगम्यता नीति (NDSAP):
    • राष्ट्रीय नीति से यह अपेक्षा की जाती है कि पंजीकृत उपयोगकर्त्ताओं के बीच गैर-संवेदनशील डेटा और सहज स्थानांतरण की सुविधा बढ़ाई जाए ताकि वैज्ञानिक, आर्थिक और सामाजिक विकासात्मक उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
  • ओपन गवर्मेंट डेटा प्लेटफॉर्म (OGD):
    • यह सक्रिय प्लेटफॉर्म को सक्षम बनाने के साथ-साथ उत्पन्न डेटा तक पहुँच प्रदान करने का प्रावधान करता है
    • पारदर्शिता, जवाबदेही, नागरिक सहभागिता, सहयोग, सुशासन, निर्णय लेने और नवाचार में वृद्धि करना।
    • शासन में नवाचार को बढ़ावा: नागरिकों को सेवाओं के प्रत्यक्ष वितरण में सहयोग के लिये एक मंच स्थापित कर नागरिक सेवाओं  के  वितरण में नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।

आगे की राह:

  • गरीबों की भागीदारी: डेटा कार्यक्रमों और नीतियों में सुधार, अर्थव्यवस्थाओं का संचालन और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिये धन अर्जित करने की अधिक क्षमता प्रदान करता है। डेटा गवर्नेंस पर वैश्विक बहस में गरीब लोगों का दृष्टिकोण बहुत हद तक अनुपस्थित रहा है, जिसमें  तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है।.
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: रिपोर्ट ने नियमों को सामंजस्यपूर्ण बनाने और नीतियों के समन्वय के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया ताकि सभी को लाभान्वित करने के लिये और हरित, लचीले और समावेशी सुधार की दिशा में प्रयासों को सूचित करने के लिये डेटा वैल्यू का उपयोग किया जा सके। 
  • सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

    • विश्व बैंक का मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका.
    • विश्व बैंक का गठन: जुलाई 1944.
    • विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड मलपास.

स्रोत: डाउन टू अर्थ




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