Sahitya Samagam provides Poems, Education, Technology, Health, News, Facts, Quotes, Jobs, Career, Sarkari Yojana and Stories related articles and News.

आदत-सी होने लगी है- Gaurav

आदत-सी होने लगी है- Gaurav  
आदत-सी होने लगी है- Gaurav
आदत-सी होने लगी है- Gaurav  

तू हर रोज़ लेती इम्तिहान मेरा...
हर रोज मैं अव्वल आता हूं!
तेरी मुश्किलों की वजह से ही तो मैं
खुद को मुकम्मल कर पाता हूं।
तेरे दर्द की वजह से मेरे जख्मों की
हिफाजत सी होने लगी है.....
ए जिंदगी तुझसे लड़ने की
आदत सी होने लगी है।

हर घड़ी तू देखने को एक नया ख्वाब देती है!
अधूरे करने को सपने मेरे,
तू मुश्किलें बेहिसाब देती है।
तेरे इस रवैए से अब शिकायत सी होने लगी है....
ए जिंदगी तुझसे लड़ने की आदत सी होने लगी है।

तूनें क़िस्मत में मुझे आंसू दिए...
मैं पीकर समंदर बन गया!
तूने तोहफे में मुझे जंग दिए....
मैं लड़कर सिकंदर बन गया!
अब तो तेरे इस जंग से मोहब्बत सी होने लगी है....
ए जिंदगी तुझसे लड़ने की आदत सी होने लगी है।

एक झूठी सी कहानी है....
मैं पूरी दुनिया को सुनाता हूं.....
दर्द सीने में रख कर
मैं पूरी शिद्दत से मुस्कराता हूं......
मगर शायद अब जमाने को
इस दर्द की आहट सी होने लगी है..
ए जिंदगी तुझसे लड़ने की आदत सी होने लगी है।
ए जिंदगी तुझसे लड़ने की आदत सी होने लगी है!!

~Gaurav  
 
Read Also चांदनी रात में रंग ले हाथ में ज़िंदगी को नया मोड़ दें Poem By Vishnu saxena
Must Read हाँ, मैंने प्रकृति को ढलते देखा है कविता
Read Also तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको Poem By Vishnu saxena कविता
Read Also हमें कुछ पता नहीं है हम क्यूं बहक रहे हैं Poem By Vishnu saxena  कविता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spam link in the comment box.